8TH SEMESTER ! भाग- 59 ( Meditation -3| A Call)
Meditation: Part-3~ A CALL
भाग -1
कभी-कभी एक बुरा ख्वाब एक बुरी हक़ीक़त बनकर सामने आता है, वो इतना बुरा और भयानक होता है कि हमारे ज़िंदगी को सहारा देने वाले तमाम पहलुओ को एक पल मे तोड़कर बिखेर देता है.....उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था, मेरे उस बुरे ख्वाब ने सुबह होते ही सच की सफेद चादर पहनकर मेरी ज़िंदगी मे कुछ पल के लिए अंधेरा कर दिया था....वो डेड ड्रीम मेरे लिए खास भी था और साथ मे डरावना भी....
वो खास इसलिए था क्यूंकी वही मेरा एक ऐसा ख्वाब था ,जो सच हुआ था और डरावना इसलिए क्यूंकी मैं उसमे शामिल था ! आज ये पहली बार नही था,जब मुझे वो दिन याद आया था, अक्सर जाने-अंजाने मे वो याद मुझे आ ही जाती थी और बीते कुछ सालो मे मैने इससे निपटने का तरीका भी ढूँढ लिया था और उसी तरीके को मैं अभी निशा की बगल मे लेटकर अपनाने जा रहा था...मैने वो कहानी वही से आगे सोचना शुरू कर दिया, जहाँ तक मैने वरुण को सुनाई थी....कितना अजीब इत्तेफ़ाक है कि मैने अब भी आँखे बंद कर रक्खी है और उस दिन जब अरुण गर्ल'स हॉस्टल से आया तब भी मैं अपनी आँखे बंद करके बिस्तर पर लेटा हुआ था.....
"कौन है बे पाण्डु ..... भाग जा वरना बॅमबू घुसा दूँगा पिच्छवाड़े मे..."जब किसी ने दरवाज़ा बेहद ही ज़ोर से खटखटाया तब मैने गाली बाकी....साला अच्छा ख़ासा दीपिका मैम के साथ लैब वाले सीन को याद कर रहा था.....
"अरमान, मैं हूँ अरुण..."
"तो..."मैने बेड पर लेटे हुए ही कहा"तू कहीं का तोपचंद है क्या,चल भाग यहाँ से,शाम को आना..."
"अबे... भूपेश को उस मोटी भैंस ने पकड़ लिया है...."
"रुक ,खोलता हूँ दरवाज़ा..."
उठकर मैने रूम का दरवाज़ा खोला और अरुण की तरफ नज़र घुमाई , साले की पूरी फटी पड़ी थी,...
"क्या हुआ बे, लड़कियो ने gang -bang कर दिया क्या..."
"हट सामने से..."मुझे ज़ोर से धक्का देते हुए अरुण रूम के अंदर आया और बिस्तर पर अपना सर पकड़ कर बैठ गया
"पेला गये यार,अरमान... भूपेश तो गया काम से, कल प्रिन्सिपल उसे कॉलेज से लात मार के निकाल देगा...."
माँ कसम मुझे उस वक़्त ज़रा सा भी दुख नही हुआ ,जब अरुण ने कहा कि bhu को प्रिन्सिपल कॉलेज से लात मारकर निकाल देगा, जबकि वो मेरे खास दोस्त का खास दोस्त था...मैं उसके बगल मे बैठा और झूठा दुख दिखाते हुए बोला
"क्या हुआ..."
"तू साले गे वाली हरकते मत कर अभी खिसक ले इधर से,मेरा मुंडा गरम है..."
"मरा फिर.."वहाँ से उठकर मैं अपने बेड पर वापस पसर गया और आँखे बंद करके वापस दीपिका मैम के बारे मे सोचने लगा....
वैसे तो 3 हफ्ते बाद हमारा exams था ,इसलिए मुझे पढ़ाई के बारे मे सोचना चाहिए था. लेकिन उस वक़्त मैं दीपिका के बारे मे सोच रहा था और जब दीपिका से बोर हो गया तो..... विभा और ऐश के बारे मे सोचने लगा. अपने पास लड़कियों की कमी है क्या.....😂
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करीब एक घंटे बाद bhu अपनी ठुकी -ठुकाई शक्ल लेकर हमारे रूम मे घुसा और घुसते ही ,उसने अपना नया चश्मा, अरुण के पैर मे फेकते हुए बोला
"तुझे बोला था ना मैने कि चल, वापस चल...वो मोटी सांड़ आ रही है,लेकिन तू...वही रुका रहा और मैं फँस गया..."
"सॉरी,यार...मुझे मालूम नही था..."
"क्या सॉरी,उसने कल प्रिन्सिपल के सामने बुलाया है...वो तो मुझे लड़कियो से पिटवाने भी वाली थी... लेकिन ऐन मौके पर सिदार और अपना बकलोल वॉर्डन पहुच गये...वरना लड़कियो से मार खाने के बाद मैं खुद ही कॉलेज छोड़ देता...."
"क्या भोपु..." उसके मज़े लेते हुए मैने कहा"तुझे मालूम है कि तूने अभी -अभी अपने 1500 के चश्मे को ज़मीन मे पटक कर छल्लि-छल्लि कर दिया है...."
"कक्कआआआ......"bhu अपने दोनो हाथ फैलाकर ऐसे चिल्लाया जैसे जंग के मैदान मे कोई योद्धा दहाड़ मार रहा हो....वो आगे बोला"माँ की आँख... फिर से 1500 का नुकसान.... "
"कुछ सोच बे अरमान..."अरुण इस परिस्थिति से bhu को निकालने के लिए मेरे सामने गिड़गिड़ाया
"बदले मे क्या मिलेगा..."मैने पुछा...
"बदले मे मेरी मार लेना,... साला कुकुर... देख नहीं रहा, 1500 का इनाम फिर मिल गया मुझे..."bhu मेरे बदले मे क्या मिलेगा वाली बात सुन तमतमा उठा
"तेरी मर के क्या क्या करूँगा... छी ...कुछ और लालच दे "
"क्या"
"जिसके लिए तु गर्ल्स हॉस्टल मे घुसा था, जब वो तेरे से सेट हो जायेगी तो मेरे साथ भी शेयर करेगा उसको....."बोलते हुए मैं हंस पड़ा,लेकिन अरुण और bhu को गुस्से से उबलता देख मैं शांत हुआ और बोला"सॉरी,मज़ाक कर रहा था..."
"प्लान क्या है..."अरुण को पता नहीं कैसे भनक लग गई की मेरे पास इन सबसे बाहर निकलने का प्लान है...
शायद वो मेरे दिमाग़ को भाँप चुका था इतने दिनों मे की.. जैसे ही कोई प्रॉब्लम मेरे सामने आती है, मेरा दिमाग़ तुरंत उस प्रॉब्लम का solution ढूंढ़ने मे लग जाता है... और एक नहीं बल्कि कई तरीके उस प्रॉब्लम से निकलने के मेरे सामने रख देता है. अब वो बात अलग है की यवो तरीके हमेशा कारगार साबित नहीं होते... Atleast, मै तुम तुच्छ लोगो की तरह होनी का रोना तो नहीं रोता... Atleast, ट्रॉय तो करता हूँ.
मैने एक सिगरेट जलाई और धुआ bhu के फेस पर फूकते हुए बोला
"याद है ,एक दिन हम तीनो ऐसे ही बात कर रहे थे,तो तूने कहा था कि तूने फॉर्म मे ग़लत नंबर. डाला है...?"
"हां तो,इससे bhu का क्या लेना देना..."अरुण ने पुछा...
"तो फिर bhu ने ताव मे आकर क्या कहा था....???? याद है.....???"
"यही कि, भू ने फॉर्म मे स्विच ऑफ वाला मोबाइल नंबर. डाला है..."
"तो यदि जैसा मैने सोचा है उसके अनुसार, हमारा गुरु घंटाल प्रिन्सिपल, भूपेश के घर मे कॉल करेगा और भूपेश की ये महान करतूत उसके बाप को बताने की कोशिश करेगा. पहले वो फॉर्म मे से नंबर निकाल कर कॉल करेगा और जब वो नंबर स्विच ऑफ बताएगा तो वो फिर भू से उसके बाप का नंबर माँगेगा..."
"एक मिनट. तुझे कैसे मालूम कि वो प्रिन्सिपल इसके बाप का नंबर माँगेगा..."
"अबे उल्लू, प्रिन्सिपल इसके बाप का कोई रिश्तेदार तो है नही ,जो नंबर मोबाइल मे सेव करके रखेगा..वो इसी से इसके बाप का नंबर पुछेगा और इस वक़्त ये प्रिन्सिपल को मेरा मोबाइल नंबर देगा और खेल ख़त्म..."
"और यदि ऐसा नही हुआ तो..."bhu बोला...
"90 % सक्सेस होने की प्रॉबबिलिटी है...और यदि ऐसा नही हुआ तो फिर दूसरा प्लान है मेरे पास.. जो पहले वाले के फेल होने के बाद मै activate करूँगा और यदि दूसरा भी फेल हुआ तो तीसरा... जो दूसरे वाले के फेल होने पर आटोमेटिकली, activate हो जाएगा... ये दुनिया अनंत है और मेरे प्लान्स भी... क्यूंकि यदि तीसरा फेल हुआ तो चौथा और यदि चौथा फेल हुआ तो... पांचवा... So On... टेंशन मत ले.. Bhu कॉलेज छोड़ के नहीं जाएगा... किसी लड़की की वजह से तो बिल्कुल भी नहीं... वरना क्या इज्जत रह जाएगी मेरी... समाज मे.."
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अगली सुबह bhu, गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन के साथ प्रिन्सिपल के ऑफीस मे किसी मुज़रिम की तरह खड़ा था. Bhu जब से हॉस्टल से निकला था , तब से मैं पूरे हॉस्टल मे अपनी आवाज़ को भारी करने की प्रॅक्टीस कर रहा था... तभी मेरे जेब मे रक्खा मेरा मोबाइल बजने लगा और जो सोचा था वही हुआ, कॉल हमारे प्रिन्सिपल आर.एस. तिवारी की थी....
"हेलो, कौन..."आवाज़ बदल कर मैने कॉल रिसीव की...
"आर.एस. तिवारी स्पीकिंग...आप भूपेश के फादर बोल रहे है..."
Kaushalya Rani
26-Nov-2021 06:45 PM
Nice
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Barsha🖤👑
26-Nov-2021 05:58 PM
बहुत खूबसूरत
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Seema Priyadarshini sahay
29-Sep-2021 04:29 PM
Wow..Great..
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